विश्व यूएफओ दिवस | World ufo day in hindi | UFO full form in hindi | Vishva ufo divas | World ufo day kab manaya jata hai :- अक्सर हमारे मन में सवाल आता है की क्या इस पुरे ब्रह्माण्ड में सिर्फ पृथ्वी गृह ही ऐसा गृह है जहां जीवन मौजूद है, किसी के पास इसका कोई सही उत्तर नहीं है। परन्तु अक्सर हमारी गृह यानी की पृथ्वी पर कई तरह की अंजान चीजे देखि गयी है जैसे की उड़ने वाली कई चीज़े या फिर कुछ और।
और इन उड़ने वाली वश्तु को UFO के नाम से जाना जाता है। UFO का नाम सुनते ही हमारे मन में सबसे पहले एलियंस आते है आपको बतादे की एलियंस उन्हें कहा जाता है जो किसी दूसरे गृह के प्राणी हो। अक्सर UFO और एलियंस से जुडी कुछ तस्वीरें और वीडियोस वायरल होते रहते है।
UFO का नाम आते ही सबसे पहले अमेरिका पर इन चीज़ों को छुपाने का इल्जाम आता है। क्योंकि बहुत से लोगो का दावा है कि अमेरिकी सरकार हमेशा से भी UFO से जुड़ी जानकारियों को छुपाती रही है। और दुनिया से छुपकर UFO और aliens से जुड़ी चीज़ों पर research कर रही है। यहाँ तक कि कुछ देशों का ऐसा भी मानना है UFO और Aliens से जुड़ी बहुत सी जानकारियाँ USA सरकार के पास है। और वो लोग लगातार Aliens से संपर्क करने में लगे है।
तो अब हम आपको बतादे की वर्ल्ड यूएफओ डे हर साल 02 जुलाई को मनाया जाता है। विश्व यूएफओ दिवस संगठन इस दिन को लोगों को यह सोचने के लिए प्रोत्साहित करने को मनाता है कि मानव ब्रह्मांड में अकेला प्राणी नहीं हैं।

28 सितंबर 2012 को इंदौर में एक यूएफओ देखने का मामला सामने आया था। कई लोगों ने आसमान में चमकीली वस्तु देखने का दावा किया था। शहर में ही अगस्त 2014 में भी यूएफओ देखने का मामला सामने आया था। पूरी दुनिया में आसमान में चमकीली वस्तु या यूएफओ देखने की घटनाएं होती रहती हैं।
Table of Contents
World UFO Day कब मनाया जाता है (Vishva UFO divas)
तो आपको बतादे की World UFO Day कब मनाया जाता है – World UFO Day हर साल 2 जुलाई को मनाया जाता है।
Year | Date | Day |
---|---|---|
2021 | July 2 | Friday |
2022 | July 2 | Saturday |
2023 | July 2 | Sunday |
2024 | July 2 | Tuesday |
2025 | July 2 | Wednesday |
विश्व यूएफओ दिवस की शुरुवात कब हुई (World ufo day kab manaya jata hai)
साल 2001 में यूएफओ शोधकर्ता हैक्टन एक्दोगन ने पहली बार वर्ल्ड यूएफओ डे का आयोजन किया था। तब से हर साल यह दिवस दो जुलाई को मनाया जाता है। वर्ल्ड यूएफओ डे ऑर्गनाइजेशन (डब्ल्यूयूएफओडीओ) कई देशों में इस दिन कार्यक्रम आयोजित करता है। इसके अलावा लोग व्यक्तिगत तौर पर भी आयोजन करते हैं और एक साथ आसमान में देखते हैं। इसके अलावा वह यूएफओ थीम पर आधारित कई गतिविधियां भी आयोजित करते हैं जैसे यूएफओ आधारित फिल्में देखना। यहां तक की ध्यान के माध्यम से लोगों को इस तरह की वस्तुओं के बारे में सोचने को कहा जाता है।
यूएफओ की फुल फॉर्म क्या है (UFO full form in hindi)
UFO की फुल फॉर्म है “Unidentified Flying Object” जिसका मतलब है ऐसी चीज़ जो हवा में उड़ रही हो और उसे इंसानो के द्वारा न बनाया गया हो तथा उसके बारे में सरकार को या air traffic controller को न मालूम हो। उसको unidentified flying object कहा जाता है। 1950 के दशक तक ऐसे कई UFO अमेरिका समेत दुनिया के कई देशों के आसमानों में देखे जाने लगे थे।
साल 1953 में यूनाइटेड स्टेट्स एयरफोर्स ने इसे UFO का नाम दिया। जिससे इनका रिकॉर्ड रखा जा सके और बाद में रिव्यू किया जा सके।1940-50 के दशक में इन्हें आम तौर फ्लाइंग डिस्क भी कहा जाता था।
भारत में सबसे पहले यूएफओ कब देखा गया ?
भारत में सबसे पहले यूएफओ 1957 में बिहार में देखी गई थी। बिहार के कदोरी, बोरसा और मंगालदा के करीब 800 ग्रामीणों ने आसमान में एक आश्चर्यचकित कर देने वाली वस्तु देखी। एक उड़न तस्तरी जैसी वस्तु मैदान के 500 फुट की उंचाई पर उड़ रही थी। यह कुछ मिनट तक हवा में रही और फिर तेजी से धुंआ छोड़ते हुए गायब हो गई।
एलियन और UFO के बारे में रोचक तथ्य
- हिस्ट्री चैनल की रिपोर्ट के अनुसार प्राचीन सभ्यताओं के स्मारकों पर शोध करने वाले मशहूर लेखक एरिक वोन डेनीकेन की किताब ‘चैरियोट्स ऑफ गॉड्स’ ने दुनिया की सोच को बदल दिया है। प्राचीन मिस्र के निवासियों के पास गीजा के पिरामिडों को बनाने की कोई तकनीक ही नहीं थी। इन्हें अवश्य ही एलियंस ने बनाया होगा।
- ‘ओरायन’ एक ऐसा नक्षत्र है जिसका हमारी पृथ्वी से कोई गहरा संबंध है। इस नक्षत्र की जानकारी भारतीय, मेसोपोटामिया, मिस्र, ग्रीक, माया और इंका आदि सभ्यताओं की पौराणिक कथाओं और उन सभ्यताओं के खुदाई में मिले गए उनके तराशे गए पत्थरों पर अंकित चित्रों में इस ‘ओरायन’ नक्षत्र संबंधी जानकारी मिलती है।
- माना जाता है की मिस्र, इंका, मेसोपोटामिया, सुमेरियन, बेबीलोनिया, माया, सिन्धु घाटी, मोहनजोदड़ो और उस समय के दुनिया की तमाम सभ्यताओं के विकास में इन एलियन का योगदान रहा है।
- ये भी कहा जाता है की भारत, चीन, मिस्र, इजरायल, अमेरिका और रशिया में कई ऐसे पूजा स्थल, स्मारक या अजूबे बनाए, जिसे बनाना मनुष्यों के बस की बात ही नहीं लगती।
- गीजा के पिरामिडों को बनाने के लिए प्राचीन मिस्र के लोगों के पास कोई तकनीक ही नहीं थी। माना जाता है की इन पिरामिडों एलियंस ने ही बनाया होगा।
- भारत के छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले में एक गुफा में 10 हजार साल पुरानी शैलचित्र मिला हैं। इस शैलचित्र को लेकर भारतीय आर्कियोलॉजिस्ट की इस खोज ने भारत में एलियंस के रहने की बात पुख्ता कर दी है। इस गुफा में मिले शैलचित्रों में स्पष्ट रूप से एक उड़नतश्तरी बनी हुई है। इतना ही नहीं इस शैलचित्र में उड़नतश्तरी से निकलने वाले एलियंस का चित्र भी स्पष्ट रूप से दिखाई देता है।
- इन एलियंस को लेकर मिस्र, सिंधु घाटी, मेसोपोटामिया, सुमेरियन, माया, इंका, बेबीलोनिया, मोहनजोदड़ो और दुनिया की तमाम सभ्यताओं में देखने को मिलता है की एलियंस दोबारा से लौटेंगे।
- दुनियाभर के वैज्ञानिकों का मानना हैं कि पृथ्वी के ही कुछ जगहों पर ये एलियंस यानी दूसरे ग्रह के लोग छुपकर रहते है जैसे की समुन्द्र, गुफा और जंगल।
- एक UFO की सबसे पहली तस्वीर 1883 में मैक्सिको के खगोलीय वैज्ञानिक जोस बोनिला द्वारा ली गई थी
- अंतरिक्ष वैज्ञानिकों के शोध में यह निष्कर्ष निकला हैं कि धरती पर दूसरे ग्रह के लोग यानी एलियंस का अस्तित्व है। ये एलियंस तकनीकी विकास में हम मनुष्यों से कहीं अधिक आगे हैं।
- 1991 में एक रोपर पोल आयोजित किया गया था जिसमें से 40 लाख लोग यह कहते है कि उनको aliens ने अगवाह किया था।
- अमेरिका में कुछ महिलाओं ने दावा किया है कि उन्होंने एलियन के साथ सेक्स किया है।
‘रूसवेल क्रैश’ केस इतिहास का सबसे चर्चित केस माना जाता है। ये अमेरिका के न्यू मेक्सिको के रूसवेल की साल 1947 की घटना है। जब एक संदिग्ध ‘गुब्बारे’ का क्रैश हुआ था। वहां रहने वाले कई लोगों ने ये माना था कि क्रैश हुआ मलबा, UFO का है। लेकिन खबर मिलने के बाद यूनाइटेड स्टेट्स एयरफोर्स ने दावा किया था कि मलबा, UFO का नहीं बल्कि मौसम जांचने वाला गुब्बारे का है. उस दौर में यूएफओ और उसपर स्टडी शुरू नहीं हुई थी।
विश्व यूएफओ दिवस | World ufo day in hindi ~ Video
आज आपने क्या सीखा
तो अब आप जान गए होंगे कि World UFO Day 2022 क्यों मनाया जाता है और कब मनाया जाता है | विश्व यूएफओ दिवस से जुडी कुछ रोचक बातें और इसका इतिहास .
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