World Tribal Day क्यों और कब मनाया जाता है | विश्व आदिवासी दिवस इतिहास, थीम और रोचक तथ्य ?

विश्व आदिवासी दिवस 2022 की थीम | विश्व आदिवासी दिवस क्यों मनाया जाता है | विश्व आदिवासी दिवस कब घोषित किया गया | adivasi divas 2022 theme :- विश्व के इन सभी देशो में से कई देश ऐसे जहा पर आदिवासी जाति का निवास हैं। हमारे भारत की बात करे तो भारत में भी कई हिस्सों में आदिवासी लोग रहते हैं। हमारे देश की आजादी से पहले आदिवासी जनजाति ने देश की स्वंत्रता के लिए काफी योगदान दिया हैं।

विश्व के इन सभी देशो में से कई देश ऐसे जहा पर आदिवासी जाति का निवास हैं। हमारे भारत की बात करे तो भारत में भी कई हिस्सों में आदिवासी लोग रहते हैं। हमारे देश की आजादी से पहले आदिवासी जनजाति ने देश की स्वंत्रता के लिए काफी योगदान दिया हैं।

पुरे विश्व में आदिवासी जनजाति को बढ़ावा देने और उनको प्रोत्साहित करने के लिए और उनको सम्मान देने के लिए पुरे विश्व में 9 अगस्त को विश्व आदिवासी दिवस यानी World tribal day मनाया जाता हैं।

 :- विश्व के इन सभी देशो में से कई देश ऐसे जहा पर आदिवासी जाति का नि

विश्व आदिवासी दिवस (Adivasi divas)

पुरे विश्व में इस दिन इस दिवस को मनाने के लिए सबसे पहली बार शुरुआत सयुंक्त राज्य अमेरिका में 1994 में मनाया गया था। पुरे विश्व में इस दिन एक साथ विश्व आदिवासी दिवस मनाया जाता हैं। संयुक्त राष्ट्र महासभा ने पहली बार 1994 को अंतर्राष्ट्रीय आदिवासी वर्ष घोषित किया था।

विश्व आदिवासी दिवस के उपलक्ष में कनाडा में “ विश्व के आदिवासी लोगों के अंतर्राष्ट्रीय दिवस को ऑलिन द्वारा किंग्स्टन, ओंटारियो में कलाकारों, वक्ताओं, कवियों, कलाकारों और विक्रेताओं और सामुदायिक सेवा बूथों की एक विस्तृत श्रृंखला के साथ सभी देशों के सामुदायिक उत्सव के रूप में मनाया जाता है।”

1995-2004 को पहला अंतर्राष्ट्रीय दशक घोषित किया गया था। इसके बाद UN ने वर्ष 2004 में “ए डिसैड फ़ॉर एक्शन एंड डिग्निटी” की थीम के साथ, 2005-2015 को दूसरे अंतर्राष्ट्रीय दशक की घोषणा किया।

विश्व आदिवासी दिवस कब मनाया जाता है (Adivasi divas kab manaya jata hai)

चलिए आपको बतादे की विश्व आदिवासी दिवस कब मनाया जाता हैं ? – विश्व आदिवासी दिवस हर साल पूरी दुनिया में एक साथ 9 अगस्त को मनाया जाता है और इस साल भी यह Tuesday 9 August 2022 को पुरे विश्व में एक साथ विश्व आदिवासी दिवस मनाया जायेगा।

आपको बतादे की 1977 में जेनेवा में एक अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया गया, जहां पर कोलंबस दिवस की जगह आदिवासी दिवस मनाये जाने की मांग की गई | इसके बाद संघर्ष बढ़ता गया और फिर आदिवासी समुदाय ने 1989 से आदिवासी दिवस मनाना शुरू कर दिया गया। आगे जनसमर्थन मिलता गया और फिर 12 अक्टूबर 1992 को अमरीकी देशों में कोलंबस दिवस के स्थान पर आदिवासी दिवस मनाने की प्रथा शुरू हो गई। बाद में संयुक्त राष्ट्र ने आदिवासी समुदाय के अधिकारों के लिए अंतर्राष्ट्रीय कार्यदल का गठन किया, जिसकी पहली बैठक 9 अगस्त 1982 को जेनेवा में हुई थी। इसी बैठक के स्मरण में 9 अगस्त की तारीख घोषित की गई।

विश्व आदिवासी दिवस क्यों मनाया जाता है

आपको बतादे की विश्व में लगभग 90 से अधिक देशों मे आदिवासी समुदाय के लोग रहते हैं। दुनियाभर में आदिवासी समुदाय की जनसंख्या लगभग 37 करोड़ है, जिसमें लगभग 5000 अलग–अलग आदिवासी समुदाय है और इनकी लगभग 7 हजार भाषाएं हैं।

आज दुनियाभर में नस्लभेद, रंगभेद, उदारीकरण जैसे कई कारणों की वजह से आदिवासी समुदाय के लोग अपना संस्कृति, अस्तित्व और सम्मान बचाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। झारखंड की कुल आबादी का करीब 28 फीसदी आदिवासी समाज के लोग हैं। इनमें संथाल, बंजारा, बिहोर, चेरो, गोंड, हो, खोंड, लोहरा, माई पहरिया, मुंडा, ओरांव आदि बत्तीस से अधिक आदिवासी समूहों के लोग शामिल हैं।

विश्व आदिवासी दिवस 2022 की थीम (Adivasi divas 2022 theme)

आपको बतादे की विश्व आदिवासी दिवस 2022 की थीम रखी गयी है “The Role of Indigenous Women in the Preservation and Transmission of Traditional Knowledge”।

साथ ही साथ आपको ये भी बतादे की पिछले साल यानी की 2021 की थीम रखी गयी थी “Leaving no one behind: Indigenous peoples and the call for a new social contract”.

इस दिन दुनियाभर में संयुक्त राष्ट्र और कई देशों की सरकारी संस्थानों के साथ-साथ आदिवासी समुदाय के लोग, आदिवासी संगठन सामूहिक समारोह का आयोजन करते हैं। इन कार्यक्रमों में विविध परिचर्चा और संगीत कार्यक्रम के अलावा अलग-अलग तरह के जागरूकता कार्यक्रम किए जाते हैं।

9 अगस्त को ही क्यों मनाया जाता है विश्व आदिवासी दिवस ?

आपको बता दें कि अमरीकी देशों में 12 अक्टूबर को हर साल कोलंबस दिवस मनाया जाता है। आदिवासियों का मानना था कि कोलंबस उस उपनिवेशी शासन व्यवस्था का प्रतिनिधित्व करते हैं, जिसके लिए बड़े पैमाने पर जनसंहार हुआ था। लिहाजा, आदिवासियों ने मांग की कि अब कोलंबस दिवस की जगह आदिवासी दिवस मनाया जाए इसलिए विश्व आदिवासी दिवस मनाए जाने में अमरीका के आदिवासियों का महत्वपूर्ण योगदान है।

विश्व आदिवासी दिवस से जुड़े तथ्य (Facts related to world tribal day)

अब हम आपको कुछ आदिवासीओ से जुड़े तथ्य बताने वाले है जोकि शायद ही अपने पहले कभी सुने हो :-

  • आदिवासी शब्द दो शब्दों से मिलकर बना हैं “आदि” और “वासी” जिसका अर्थ होता हैं निवासी।
  • भारत की आदिवासी जातियों में जाट, गोंड, मुंडा, खड़िया, हो, बोडो, भील, खासी, सहरिया, संथाल, मीणा, उरांव, परधान, बिरहोर, पारधी, आंध,टोकरे कोली, महादेव कोली,मल्हार कोली, टाकणकार आदि जातिया शामिल हैं।
  • भारतीय संविधान में आदिवासी जाति के लिए अनुसूचित जनजाति शब्द न इस्तेमाल किया गया।
  • भारत में तक़रीबन 8 प्रतिशत जनसँख्या आदिवासी हैं। 8 प्रतिशत यानी करीब 10 करोड़।

आज आपने क्या सीखा

तो अब आप जान गए होंगे कि World Tribal Day क्यों और कब मनाया जाता है | विश्व आदिवासी दिवस इतिहास, थीम और रोचक तथ्य ?

तो दोस्तों आशा करता हूँ की आपको मेरा ये आर्टिकल पसंद आया होगा और आप जो जानकारी जानना चाहते है वो आपको मिलगई होगी। हम अपने आर्टिकल में सारि जानकारी देने की कोशिश करते है आसान भाषा में जिससे की आपको किसी दूसरे आर्टिकल को न पढ़ना पड़े। आपको यह जानकर ख़ुशी होगी की आप हमसे टेलीग्राम पर भी जुड़ सकते है।

अगर आपको ये आर्टिकल पसंद आया हो तो आप इसे अपने दोस्तों, फॅमिली के साथ शेयर कर सकते है और आप अपनी प्रतिक्रिया कमेंट बॉक्स में भी लिख सकते है। और अगर आपको लगता है की हमारे इस आर्टिकल में कुछ रह गया है या गलत है तो आप हमे जरूर कमेंट बॉक्स में बताये। धन्यवाद

ये भी पढ़े –

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *