महाराष्ट्र दिवस कब मनाया जाता है | Maharashtra day kab hota hai | Maharashtra day kab manaya jata hai 2022 :- : 1 मई यानि की मज़दूर दिवस और महाराष्ट्र दिवस पर आज हम मज़दूर दिवस के बारे में नहीं बात करेंगे। आज हम महाराष्ट्र दिवस के बारे में जानेंगे। भारत देश जब स्वतंत्र हुआ था उस वक्त हमारे देश का नक्शा एक दम अलग हुआ करता था और भारत के कई सारे राज्य एक ही हुआ करते थे। लेकिन धीरे-धीरे इन राज्यों को भाषा और क्षेत्र के आधार पर बांटा जाने लगा और इस तरह से भारत के कई नए राज्यों का निर्माण किया गया जिनमे से महाराष्ट्र भी एक राज्य है।
इस वक्त हमारे देश भारत में कुल 29 राज्य हैं, जिनकी अपनी अलग-अलग भाषा और वेशभूषाएं हैं। महाराष्ट्र भारत का एक राज्य है जो भारत के दक्षिण मध्य में स्थित है। इसकी गिनती भारत के सबसे धनी एवं समृद्ध राज्यों में की जाती है। महाराष्ट्र शब्द संस्कृत का है जो दो शब्दों द्वारा मिलकर बना है महा तथा राष्ट्र इसका अर्थ होता है महान देश। यह नाम यहाँ के संतों की देन है। इसकी राजधानी मुंबई है जो भारत का सबसे बड़ा शहर और देश की आर्थिक राजधानी के रूप में भी जानी जाती है।
महाराष्ट्र स्थापना दिवस 1 मई को मनाया जाता है। देश की आज़ादी के बाद मध्य भारत के सभी मराठी भाषा के स्थानों का समीकरण करके एक राज्य बनाने को लेकर बड़ा आंदोलन चला और 1 मई, 1960 को कोंकण, मराठवाडा, पश्चिमी महाराष्ट्र, दक्षिण महाराष्ट्र, उत्तर महाराष्ट्र (खानदेश) तथा विदर्भ, सभी संभागों को जोड़ कर महाराष्ट्र राज्य की स्थापना की गई। वहीं भारत के लगभग सारे राज्य हर साल अपने राज्य का स्थापना दिवस भी मनाते हैं और इसी तरह महाराष्ट्र में भी हर साल 01 मई के महीने में Maharashtra Day स्थापना दिवस मनाया जाता है।

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महाराष्ट्र राज्य अलग एक राज्य कैसे बना ? (History of Maharashtra)
जब भारत को आजादी मिली थी उस वक्त अधिकांश प्रांतीय राज्यों (Provincial states) को बॉम्बे प्रांत में जोड़ दिया गया था। उस वक्त बॉम्बे प्रांत में गुजराती भाषा और मराठी भाषा बोलने वाले लोग रहते थे। वहीं इसी भाषा के आधार पर गुजराती भाषा वाले लोग और मराठी भाषा बोलने वाले लोग खुद के लिए अलग राज्य बनाने की मांग कर रहे थे। इस दौरान देश में कई आंदोलन भी किए गए और इन्हीं आंदोलनों के परिणामस्वरूप, बॉम्बे पुनर्गठन अधिनियम, 1960 के तहत साल 1960 में महाराष्ट्र राज्य और गुजरात राज्य का गठन किया गया था। यानी महाराष्ट्र राज्य और गुजरात राज्य पहले एक ही राज्य के रूप में जाने जाते थे और बाद में आंदोलन की वजह से इन दोनों को अलग अलग कर दिया गया।
साल 1960 में जहां एक तरफ गुजरात राज्य को बनाने के लिए महा गुजरात आंदोलन चलाया गया था। वहीं संयुक्त महाराष्ट्र समिति का गठन महाराष्ट्र राज्य की मांग को लेकर हुआ था। वहीं 1 मई 1960 में भारत की मौजूदा सरकार ने बॉम्बे राज्य को दो राज्यों में बांटा दिया। मराठी बोलने वाली आबादी के लिए महाराष्ट्र राज्य का गठन किया गया और गुजराती बोलने वाली आबादी के लिए गुजरात राज्य का। लेकिन इसी बीच बॉम्बे को लेकर इन दोनों राज्यों के बीच लड़ाई शुरू हो गई, जो मुंबई एक बहुत अच्छा दर्शनीय स्थल है। जहां पर महाराष्ट्र राज्य वाले लोग चाहते थे कि बॉम्बे उनके राज्य का हिस्सा हो, क्योंकि वहां पर ज्यादातर लोगों द्वारा मराठी बोली जाती थी. वहीं गुजराती लोगों का कहना था कि बॉम्बे की तरक्की में उनका ज्यादा हाथ है। इसलिए ये उनके राज्य का हिस्सा होना चाहिए।लेकिन अंत में बॉम्बे को महाराष्ट्र राज्य का हिस्सा बना दिया गया।
महाराष्ट्र दिवस की शुरुआत किस वर्ष हुई थी | Maharashtra Divas Ki Shuruwat Kab Hui
महाराष्ट्र दिवस तिथि: हर साल 1 मई को महाराष्ट्र के लोग अपने राज्य में महाराष्ट्र दिवस मनाते हैं। आज ही के दिन वर्ष 1960 में महाराष्ट्र राज्य की स्थापना हुई थी और इस राज्य को भारत के राज्य के रूप में जाना जाता था। तब से, महाराष्ट्र सरकार द्वारा हर साल महाराष्ट्र दिवस मनाया जा रहा है। इस दिन राज्य सरकार द्वारा राज्य के स्कूलों, विश्वविद्यालयों और सरकारी कार्यालयों में छुट्टी दी जाती है। विभिन्न कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते है।
स्कूलों में भी किए जाते हैं विशेष आयोजन (Celebration In Schools)
वैसे तो महाराष्ट्र दिवस(Maharashtra Day) यानि 1 मई को लगभग सभी कंपनियों एंव विभागों में छुट्टी होती है लेकिन स्कुल में इसका ख़ास महत्व है और इसे खास तरह से मनाया जाता है। वह अनेक तरह के नाटक पेश करते हैं और अपनी Speech तैयार करते है। इतना ही नहीं स्कुल के प्रधानाचार्य और शिक्षक बच्चो को महाराष्ट्र के बारे में बताते है।
महाराष्ट्र के जिलों के नाम (Maharashtra ke jile ka naam)
महाराष्ट्र में कुल मिलाके 36 जिले है :
- अकोला जिला
- अमरावती जिला
- अहमदनगर जिला
- औरंगाबाद जिला
- मुंबई उपनगर जिला (सबअर्बन)
- बीड जिला
- भंडारा जिला
- बुलढाणा जिला
- चन्द्रपूर जिला
- धुले जिला
- गडचिरोली जिला
- गोंदिया जिला
- हिंगोली जिला
- जळगाव जिला
- जालना जिला
- कोल्हापुर जिला
- लातूर जिला
- मुंबई जिला
- नागपूर जिला
- नांदेड जिला
- नंदुरबार जिला
- नाशिक जिला
- उस्मानाबाद जिला
- परभणी जिला
- पुणे जिला
- रायगड जिला
- रत्नागिरी जिला
- सातारा जिला
- सांगली जिला
- सिंधुदुर्ग जिला
- सोलापूर जिला
- ठाणे जिला
- वर्धा जिला
- वाशीम जिला
- यवतमाळ जिला
- पालघर
महाराष्ट्र राज्य की भाषा (Maharashtra rajya ki bhasha)
महाराष्ट्र में मुख्यतः मराठी भाषा बोली जाती है। जबकि हिंदी और इंग्लिश भाषा का प्रयोग भी ज्यादातर जगहों पर किया जाता है। जबकि मुंबई बहुत सी भाषाओ का घर है, जिसमे अंग्रेजी भी शामिल है। कोकणी समुदाय के लोग कोकण भाषा का उपयोग करते है जो मराठी भाषा से ही जुडी हुई है। भले ही कोकणी समुदाय के लोग कोकण क्षेत्र में पाए जाते है, लेकिन फिर भी उनकी गणना अल्पसंख्यक में की जाती है।
महाराष्ट्र राज्य के कुछ विशेष मंदिर (Maharashtra ke famous mandir)
एलीफैंटा गुफा मंदिर, मुम्बादेवी मंदिर, कैलाश मंदिर, बालाजी मंदिर, गिरिजा माता विनायक, सिद्धिविनायक मंदिर, वरदविनायक, मुम्बादेवी मंदिर, महालक्ष्मी मंदिर, कपालेश्वर मंदिर, साईं बाबा मंदिर, मुक्तिधाम मंदिर, और त्र्यम्बकेश्वर मंदिर यहाँ के प्रसिद्ध धार्मिक स्थलों में शामिल है। हर साल बहुत से धार्मिक और सामाजिक उत्सव मनाये जाने की वजह से महाराष्ट्र को रंगीन राज्य भी कहा जाता है।
महाराष्ट्र राज्य को संतो की भूमी कहा जाता हैं। यहाँ भगवान को माता ( माउली ) कहा जाता हैं। साथ ही यहाँ प्राकृतिक सौदर्य भी देखने लायक हैं। इसलिए शायद इसे महान ऐसा राष्ट्र यानि महाराष्ट्र नाम दिया गया हैं।
देश | ![]() |
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गठन | 1 मई 1960^ ([[महाराष्ट्र दिवस]]) |
राजधानियाँ | मुम्बई नागपुर (शीत कालीन) |
ज़िले | कुल 36 |
सभा | महाराष्ट्र सरकार |
राज्यपाल | भगत सिंह कोश्यारी |
मुख्यमंत्री | उद्धव ठाकरे |
उपमुख्यमंत्री | अजित पवार |
विधायिका | द्विसदनात्मक विधान परिषद 78 विधान सभा 288 |
क्षेत्रफल कुल | 307713 किमी2 (1,18,809 वर्गमील) |
क्षेत्र दर्जा | तीसरा |
घनत्व | 370 किमी2 (950 वर्गमील) |
वासीनाम | महाराष्ट्री |
वाहन पंजीकरण | MH |
राजभाषा | मराठी |
वेबसाइट | Maharashtra.gov.in |
FAQs
01 May, 1960
महाराष्ट्र: यह महा और राष्ट्र से मिलकर बना है. महाराष्ट्र राष्ट्रीका नाम के कबीले से लिया गया है.
शिवाजी महाराज की जाति क्षत्रीय ही है क्योंकि उनका घराना राजा का घराना था और उनकी पीढ़ियां लड़ाई के कौशल में माहिर थीं. वो राजस्थान के राजपूत घराने से महाराष्ट्र आए थे |
124,904,071
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