कागज का आविष्कार किसने और कब किया | Kagaz ka avishkar kisne kiya

Kagaz ka avishkar kisne kiya :- कागज का इस्तेमाल आज पूरी दुनिया में हो रहा है लेकिन क्या आप जानते है कि इस कागज़ का अविष्कार किसने किया था और कब किया था, अगर आप नहीं जानते है और जानना चाहते है तो हम आपको इस बारे में पूरी जानकारी विस्तार से देने वाले है।

कागज़ एक ऐसी चीज़ है जिसका इस्तेमाल आज पूरी दुनिया में किया जा रहा है और कागज़ के बिना हमारे सभी काम अधूरे हैं, चाहे बच्चों की पढ़ाई हो या बैंक, व्यापार, आफिस आदि का काम सभी कागज बिना संभव नहीं हैं।

पहले धीरे-धीरे लिपियों का विकास हुआ और उन्हें लिखने के लिए एक माध्यम की आवश्यकता थी। जब मनुष्य को धातुओं के बारे में पता चला, तब सीसा, तांबा, पीतल या कांसे के पत्रों पर लिखने का प्रयास किया गया। यह कार्य अत्यंत कठिन तो था, परन्तु इनके स्थायित्व के कारण महत्वपूर्ण विषयों तथा नियमों को दीर्घ काल तक सुरक्षित रखने के उद्देश्य से इनका उपयोग किया गया। लेकिन इसके बाद कागज़ का अविष्कार हुआ जिसने सब कुछ बदल दिया और आसान बना दिया।

kagaz ka avishkar kisne kiya

कागज का आविष्कार किसने और कब किया (Kagaz ka avishkar kisne kiya)

तो चलिए अगर आप जानना चाहते है की कागज का आविष्कार किसने किया :- तो आपको बतादे की कागज़ का अविष्कार चीन में हुआ था और चीन के Cai Lun नामक व्यक्ति ने कागज़ का अविष्कार किया था।

Cai Lun ने 202 ई.पू. (सन 105) हान राजवंस के समय में कागज का आविष्कार किया था। शुरुवात में Cai Lun ने कागज का निर्माण भांग, शहतूत के पत्ते, पेड़ की छाल तथा अन्य तरह के रेशों आदि से कागज का निर्माण किया। धीरे धीरे बढ़ते समय के अनुसार कागज बनने की प्रक्रिया में बहुत सुधार आया और वर्तमान समय में कई प्रकार के कागज का निर्माण किया जाता है।

Cai Lun के द्वारा बनाया गया कागज़ बेहद चमकीला, मुलायम, लचीला, और चिकना होता था। सस्ता और लिखने में आसान होने के कारण पूरी दुनिया पूरी दुनिया में होने लगा। इसीलिए Cai Lun को कागज का संत कहा जाता है।

चीन के बाद कागज सर्वप्रथम उपयोग कहां हुआ

इतिहासकारों के माने तो भारत ही वो देश है जिसमे चीन के बाद कागज़ बनांने की शुरुवात हुई। सिंधु सभ्यता के दौरान भारत में कागज के निर्माण और उपयोग के कई प्रमाण सामने आये हैं, जिससे शाबित होता है की चीन के बाद ही भारत में कागज़ बनाने की शुरुवात हुई। कागज बनाने की तकनीक भारत के अलावा जापान में सन् 610 तक पहुंची, इसके बाद यह बगदाद में सन् 793, समरकंद में सन् 751 तथा मिश्र और मोरक्को से होते हुए यूरोप तक पहुंच गयी है।

इसके बाद दुनिया के कई देशों ने कागज के उपयोग को अपनाया और चीन से शुरू हुए इस कागज के आविष्कार को आज दुनिया के लगभग सभी देशों में प्रयोग किया जाने लगा है। लेकिन मानव सभ्यता के साथ कागज में भी बदलाव होते गए। वर्तमान समय में कागज़ एक बाल की मोटाई से भी कम साइज के आने लगे है। आज कागज ऐसी चीज बन गया है जिसका इस्तेमाल दुनिया के सभी देश कर रहे हैं।

भारत मे कागज के उद्योग

आपको बतादे की भारत में कागज़ बनाने की सबसे पहली मिल सुल्तान जैनुल आबिदीन द्वारा सन् 1887 में कश्मीर में लगाई गई थी। इस मिल का नाम टीटा कागज मिल्स रखा गया था, लेकिन यह मिल कागज़ बनाने में असफल रही थी। इसके बाद आधुनिक कागज का उद्योग कलकत्ता में हुगली नदी के तट पर बाली नामक स्थान पर किया गया।

आज आपने क्या सीखा

तो अब आप जान गए होंगे कि kagaz ka avishkar kisne kiya. तो दोस्तों आशा करता हूँ की आपको मेरा ये आर्टिकल पसंद आया होगा और आप जो जानकारी जानना चाहते है वो आपको मिलगई होगी। हम अपने आर्टिकल में सारि जानकारी देने की कोशिश करते है आसान भाषा में जिससे की आपको किसी दूसरे आर्टिकल को न पढ़ना पड़े। आपको यह जानकर ख़ुशी होगी की आप हमसे टेलीग्राम पर भी जुड़ सकते है।

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