Ghadi ka Avishkar Kisne Kiya | घड़ी का आविष्कार किसने किया और कब किया :- घडी हमारे जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा जिसे आपको परिचय कराने की जरूरत नहीं है। घडी आमतौर पर आपको अधिकतर लोगो की कलाईओ पर, घर की दीवारों पर और इमारतों पर देखने को मिल जाती है। अपनी आजकल की दुनिया सारी घडियो पर ही आधारित है हम घडी के अनुसार ही अपनी दिनचर्य को लगाते है। घडी का इस्तेमाल हर कोई करता है या तो अपने घर की दिवार पर, अपनी कलाइयों पर और या मोबाइल के सहारे।
लेकिन क्या आपने कभी सोचा है की घडी का आविष्कार होने से पहले लोग समय कैसे देखा करते थे। जैसे की हम और आप दोनों जानते है की पहले घडिया नहीं होती थी और लोग जब भी समय का अनुमान लगा लेते थे, इसके लिए वे सूरज का सहारा लेते थे। जी हां, आपने सही सुना की पहले लोग सूरज की छाया देखकर समय का पता लगाया करते थे तो कुछ लोग तारों के माध्यम से समय का पता लगाया करते थे, ये अनुमान आजकल की तरह बिलकुल सटीक तो नहीं होता था।
आपने जंतर मंतर का नाम तो सुना ही होगा। जी हां, राजस्थान की राजधानी जयपुर में स्थित जंतर मंतर उस समय समय का पता लगाने के लिए ही बनाया गया और उपयोग किया जाता हैं। ग्रीस में पानी से चलने वाली गाड़ियां हुआ करती थी जिसमें पानी के गिरते स्तर के जरिए समय का पता लगाया जाता था। इस प्रकार के यंत्रों में पानी के गिरते स्तर के साथ घंटी बज जाती थी जिससे समय का पता लगता था।

लेकिन आधुनिक घड़ी के आविष्कार का मामला कुछ पेचीदा है क्यूंकि अगर आप ऐसा सोचते है की घडी के पहले की अविष्कार में घडी पूरी तरह से कम्पलीट थी तो ऐसा नहीं है घडी में पहले घंटे वाली सुई मौजूद थी, उसके बाद मिनट और सेकंड वाली सुई का घडी में अविष्कार हुआ। तो चलिए अब आपको घडी के बारे में और जानकारी देते है बिना देरी किये।
घड़ी का आविष्कार किसने किया (Ghadi ka Avishkar Kisne Kiya)
तकनीकी रूप से, ‘घड़ी’ का आविष्कार किसी एक व्यक्ति द्वारा नहीं किया गया था। समय मापने वाले उपकरणों को सदियों से विकसित किया गया था। कुछ ने धुओ घड़ी बनाई तो कुछ ने जल घड़ी! लेकिन अगर आप गूगल पर Who Invented Watch (घड़ी का आविष्कार किसने किया) सर्च करो तो Peter Henlein का नाम आता हैं। पीटर हेनले वह व्यक्ति हैं जिन्हें घड़ी के आविष्कार का सबसे अधिक श्रेय दिया जाता हैं और इन्हे ही घडी का अविष्कारक बताया जाता है।
पीटर हेनले के द्वारा बनाया गया यंत्र जिसे Clock Watch नाम दिया गया था बिल्कुल सटीक समय बीतता था। लेकिन पीटर इंग्लैंड में पीटर हेनले ने 1505 में क्लॉक वॉच का आविष्कार किया था। पीटर हेनले के द्वारा क्लॉक वॉच के अविष्कार के बाद ही 1577 में स्विजरलैंड के जॉस बर्गी ने मिनट की सुई वाली घड़ी का आविष्कार किया।
इसके बाद वॉच में बदलाव होते गए और घडिया बहतर बनती गयी, फिर पॉकेट वॉच का आविष्कार हुआ और 1650 के आसपास लोग अपनी जेबों में घड़ियां लेकर घूमा करते थे।
लेकिन ब्लेज पास्कल ने इस घड़ी को अपने हाथों पर रस्सी से बांधा और इस तरह से इसके बाद लोगो में रिस्ट वॉच की शुरुआत हुई। इसके बाद साल 1988 में Steve Mann ने पहली लिनक्स स्मार्ट वॉच का आविष्कार किया जो सेल सर चलती थी।
घड़ी के आविष्कार का श्रेय पॉप सिल्वेस्टर द्वितीय को भी जाता हैं जिन्होंने सन 996 ईसवी में ही एक ऐसा यंत्र तैयार कर लिया था जो सही समय बताता था। सन 1288 में इंग्लैंड के घंटाघरो में घड़ियां लगाने शुरू कर दी गई थी। घड़ी की मिनट वाली सुई का आविष्कार स्विजरलैंड के जोश बरगी ने भी किया था।
पीटर हेनलेन कौन थे ?
हेनलिन नूर्नबर्ग में पले-बढ़े। उनके माता-पिता का नाम पीटर हेनलेन और बारबरा हेनलेन था, उनका एक बड़ा भाई, हरमन हेनलेन था, जो 1496 में एक मास्टर कटलर भी बन गया था। पीटर हेनलेन ने अपने जीवन में उन्होंने तीन महिलाओं से शादी की थी: कुनिगुंडे अर्न्स्ट, उनकी पहली पत्नी, और मार्गरेथे, उनकी दूसरी और वालबर्गा श्रेयर, उनकी तीसरी पत्नी।
पीटर हेनलेन (1485 – अगस्त 1542), नूर्नबर्ग, जर्मनी के एक ताला बनाने वाले और घड़ी बनाने वाले थे। इन्ही को अक्सर घड़ी का आविष्कारक माना जाता है। वह छोटे सजावटी पोर्टेबल घड़ियां बनाने वाले पहले शिल्पकारों में से एक थे जिन्हें अक्सर पेंडेंट के रूप में पहना जाता था या कपड़ों से जोड़ा जाता था।
Born | 1485 Nuremberg |
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Died | 1542 Nuremberg |
राष्ट्रीयता | German |
अन्य नाम | Peter Hele, Peter Henle |
पेशा | ताला बनाने वाला, घड़ी बनाने वाला |
Era | German Renaissance |
Known for | घड़ी के आविष्कारक |
Wifes | Kundigunde Ernst, (first wife) Maragarete (second wife) Walburga Schreyer (Third wife) |
Parents | Peter Henlein (father), Barbara Henlein (mother) |
Family | Herman Henlein (older brother) |
घड़ी के आविष्कार का महत्व
किसी भी घडी का उपयोग सटीक समय बताने के लिए किया जाता है। आज हम समय देखने के लिए बहुत सी तरह की मशीन का इस्तेमाल करते है जैसे की स्मार्ट वाच, वाल क्लॉक, स्मार्ट बैंड और ज्यादातर आजकल मोबाइल फ़ोन।
समय यो पहले के समय में भी लोग देखा करते थे लेकिन जब उनका अनुमान इतना सटीक नहीं होता था। वैसे भी इंसान की यह फितरत रही हैं कि वह प्रकृति से ज्यादा मशीनों पर भरोसा करता है क्योंकि मशीन है बिल्कुल सटीक काम करने में सक्षम होती है। यही कारण हैं कि घड़ी का आविष्कार एक महत्वपूर्ण आविष्कार है। घड़ी का आविष्कार उन आविष्कारों में से एक हैं जो काफी तेजी से दुनिया मे फैले है और इस अविष्कार ने विकास में भी बहुत मदद की।
भारत में समय देखने के लिए प्रयास
ऐसा नहीं है कि भारत में समय देखने के लिए कोई प्रयास नहीं किया गया है। दरअसल भारत में भी 5 जगहों पर जन्तर-मंतर का निर्माण भी कराया गया था ताकि इनकी मदद से सूरज की दिशा और उससे बनी परछाई के आधार पर समय का पता लगाया जा सके।
18 वीं शताब्दी की शुरुआत में, जयपुर के महाराजा जय सिंह द्वितीय ने जयपुर, नई दिल्ली, उज्जैन, मथुरा और वाराणसी में कुल मिलाकर पांच जंतर मंतरों का निर्माण कराया था इन सभी का निर्माण 1724 और 1735 के बीच पूरा कराया गया था।
घडी के बारे में कुछ रोचक तथ्य (Some interesting facts about the Watch)
- दुनिया की सबसे पहली घडी भारत के ऋषी मुनियोंं ने सुरज के प्रकाश से बनाई थी, वे किसी भी पेड़ पर पड़ने वाली छाया से अनुमान लगाया करते थे कि समय क्या हुआ है।
- मोम घड़ी का अविष्कार अमेरीकियो ने किया था। वे रात को एक मोम को जला कर उसकी परछाई से समय का पता लगाया करते थे।
- स्विट्ज़रलैंड की बनी घडी बहुत अच्छी मानी जाती हैं, और यहाँ से पूरी दुनिया के प्राय: सभी Watch Industry Centers में Spares का निर्यात होता है।
- Watch के Spares के निर्माण में Switzerland का विश्व में पहला स्थान है।
- 1200 कीमती Diamond से बनाई Watch का नाम The Hblot है, इनमें लगे Diamond 140 कैरेट के हैंं और इस Watch की कीमत लगभग 31 Million है।
- Alarm clock का Invention लगभग दो हजार साल पहले प्राचीन यूनान (ग्रीस) में हुआ।
- Rolex Brand हर दिन 2,000 Watch बनाता हैं।
- दशकोंं तक Watch केवल महिलाएें ही पहना करती थी, और पुरूष अपने जेब में Watch रखते थे, लेकिन First World War के बाद पुरूषोंं ने भी Watch हाथ में पहनना शुरू कर दिया।
- Gerald Jenta ने पहली Steel Watch को Design किया था। उन घड़ीयों का नाम था, Patek Philippe Natils, Royal Oak, और Aidblyusi Injenyor, इससे पहले केवल Gold से ही Watch का निर्माण किया जाता था।
- दुनिया की सबसे पहली रेत घड़ी मिश्र वासियों ने बनाई थी, वे दो खानो में रेत भर के Time का पता लगाया करते थे।
- Water Clock का Invention चीन के लोगो ने किया था। वे दो पात्रो में पानी भर कर, एक पात्र में छेद कर दिया करते थे, और जिस तरह से जल कम हो जाता था, उससे Time का अनुमान लगा लेते थे।
आज आपने क्या सीखा
तो अब आप जान गए होंगे कि Ghadi ka avishkar kisne kiya? और कब हुआ और कैसे हुआ। आज हमने घड़ी का आविष्कार किसने किया इसके अलावा बहुत से दिलचस्प बातों को भी जाना जो शायद ही किसी को पता हो जैसे की घड़ी के बारे में कुछ रोचक तथ्य, भारत में समय देखने के लिए प्रयास और घडी के अविष्कार का महत्व।
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FAQs
पेंडुलम वाली घड़ी का आविष्कार क्रिश्चियन हयुगेंस ने सन् 1656 में नीदरलैण्ड में किया था।
यांत्रिक घड़ी का आविष्कार चीन के आई सिंग व लियांग सैन ने सन् 1725 में किया था।
स्टॉपवॉच का आविष्कार फ्रांस के घड़ीसाज़ लुईस मोइनेट ने सन् 1816 में किया था।
समय मापन कला या घड़ी निर्माण कला को होरोलॉजी (Horology) कहा जाता है।
पहली कलाई घड़ी इंग्लैंड की महारानी एलिज़ाबेथ प्रथम के लिए सन् 1571 में बनाई गई थी। महारानी एलिज़ाबेथ को वह घड़ी उनके पसंदीदा राजनेता रॉबर्ट डुडले द्वारा नये साल के तोहफे के रूप में दी गई थी।
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Prabhav Rastogi is the Author & Co-Founder of the GopiRasoi.com. He has also completed his graduation in Computer Engineering from Meerut(UP). He is passionate about Blogging & Digital Marketing.