भारत की राष्ट्रभाषा क्या है और कौनसी होनी चाहिए ~ 2022

Bharat ki rashtrabhasha kya hai | भारत की राष्ट्रभाषा क्या है :- तो दोस्तों आज हम आपको इस आर्टिकल में बताने वाले है की भारत के संविधान के अनुसार भारत की राष्ट्रभाषा कौनसी है बताने वाले है। तो कृपया अगर आप इस बारे में जानकारी प्राप्त करना चाहते है तो आर्टिकल को पूरा और ध्यान से पढ़े।

जैसे की आप सभी जानते है की भारत में काफी तरह की भाषा बोली जाती है। भारत में सबसे अधिक हिंदी भाषा का प्रयोग किया जाता है और इसीलिए बहुत से लोग हिंदी को ही अपनी राष्टभाषा मानते है।

आपको बतादे की भारत की राष्ट्रभाषा को लेकर बीते समय में काफी विवाद हो चुके है। बहुत से लोग हिंदी को अपनी राष्ट्रभाषा मानते है तो बहुत से लोग संस्कृत को अपनी राष्ट्रभाषा मानते है। लेकिन क्या असल में हिंदी हमारी राष्ट्रभाषा है और अगर नहीं है तो हमारी राष्ट्रीय भाषा क्या है? ये जानकारी जाने के लिए आपको हमारे आर्टिकल को पूरा और ध्यान से पढ़ना होगा।

भारत की राष्ट्रभाषा क्या है (Bharat ki rashtrabhasha kya hai)

तो चलिए अगर आप जानना चाहते है की Bharat ki rashtrabhasha kya hai – तो आपको बतादे की भारत की कोई भी राष्ट्रभाषा नहीं है। जी हां, अपने सही सुना भारतीय संविधान में राष्ट्रीय भाषा का कोई उल्लेख नहीं किया गया है यानि की भारत में किसी भी भाषा को राष्ट्रभाषा का दर्जा नहीं दिया गया है।

जहाँ तक हिंदी की बात करे तो इसे हिंदुस्तान संविधान के अनुच्छेद 343 के अंतर्गत राजभाषा का दर्जा दिया गया है। इसका अर्थ यह हुआ कि इसे राजकीय कार्यों में प्रयोग किया जा सकता है।

भारत सरकार द्वारा 22 भाषाओ को आधिकारिक तौर पर चुना गया है यानि की राज्य सरकार और केंद्र सरकार इन 22 भाषाओ में से किसी भी भाषा का इस्तेमाल सरकारी काम काजो में कर सकते है।

केंद्र सरकार ने हिंदी और इंग्लिश को अधिकारिक लैंग्वेज के तौर पर चुना है और यही कारण है की भारत में कही पर भी सरकारी काम में आपको हिंदी और इंग्लिश भाषा का प्रयोग देखने को मिल सकता है।

राष्ट्रभाषा और राजभाषा में क्या अंतर है ?

हमने आपको बताया की हिंदी राष्ट्र भाषा नहीं बल्कि राजभाषा है तो बहुत से लोगो को यह सोच रहे होंगे की आखिर राष्ट्रभाषा और राजभाषा में क्या अंतर है तो चलिए जानते है इनके बीच के अंतर को।

  • राष्ट्रभाषा :- ऐसी भाषा जो समस्त राष्ट्र का प्रतिनिधित्व करती हो तथा देश की अधिकांश जनता के द्वारा बोली और समझी जाती हो, “राष्ट्रभाषा कहलाती है। राष्ट्रभाषा का शाब्दिक अर्थ ही है समस्त राष्ट्र में प्रयुक्त होने वाली भाषा। अतः राष्ट्रभाषा आमजन की भाषा होती है और किसी राष्ट्र के प्रायः अधिकांश या बड़े भूभाग और जनसँख्या के द्वारा बोली और समझी जाती है।
  • राजभाषा :- वास्तव में राजभाषा का शाब्दिक अर्थ ही होता है राजकाज की भाषा। अतः वह भाषा जो देश के राजकीय कार्यों के लिए प्रयोग की जाती है “राजभाषा” कहलाती है। राजभाषा किसी देश या राज्य की मुख्य आधिकारिक भाषा होती है जो समस्त राजकीय तथा प्रशासनिक कार्यों के लिए प्रयुक्त होती है।
क्र.स.राष्ट्रभाषाराजभाषा
1राष्ट्रभाषा स्वतंत्र प्रकृति की होती है।जबकि राजभाषा नियमो से बंधी होती है।
2राष्ट्रभाषा का क्षेत्र अंतर्राष्ट्रीय स्तर तक होता है।जबकि राजभाषा का प्रयोग निश्चित भूभाग तक सिमित होता है।
3राष्ट्रीय भाषा जनता की भाषा होती है।जबकि राजभाषा राज काम काज की भाषा है।
4राष्ट्रभाषा की शब्दावली विस्तृत होती है।जबकि राजभाषा की सीमित होती है।
5राष्ट्रभाषा में समस्त राष्ट्रीय तत्वों की अभिव्यक्ति होती है।जबकि राजभाषा में केवल प्रशासनिक अभिव्यक्ति होती है।

भारतीय संविधान में राष्ट्रभाषा का उल्लेख

भारतीय संविधान के निर्माण के समय भारत की राष्ट्रभाषा का भी उल्लेख किया गया था। उस समय डॉ. भीमराव अम्बेडकर जी ने संस्कृत भाषा को राष्ट्रभाषा बनाने का सुझाव दिया था लेकिन उस समय संस्कृत भाषा के खिलाफ विरोध चल रहा था जिसके कारण संस्कृत भाषा को राष्ट्रभाषा नहीं बनाया गया।

इसी तरह संविधान सभा के कई लोग और कुछ और लोगो ने हिंदी को भी राष्ट्रीय भाषा बनाने का सुझाव दिया लेकिन दूसरी भाषा बोलने वाले लोगो ने इसका विरोध किया जिसके कारण हिंदी को भी राष्ट्रभाषा का दर्जा नहीं दिया गया।

जैसे की आप जानते है की भारत विभिन्नताओं वाला देश है और यहा बहुत सी भाषाएं बोली जाती है जब भी किसी भाषा को राष्ट्रभाषा बनाने का बनाने का प्रस्ताव लाया जाता है तो अन्य लोग यानि दूसरी भाषा बोलने वाले लोग इसका विरोध करने लगते है। इसी कारण संविधान की आठवीं अनुसूची में 22 भाषाएँ शामिल की गयी है, जिसकी जानकारी हम आपको आगे देने वाले है।

संविधान के आंठवी अनुसूची में शामिल 22 भाषाएँ

भारतीय संविधान निर्माण के समय 14 भाषाओं को राजकीय काम करने में शामिल किया गया था। जिसका इस्तेमाल विभिन राज्य अपने हिसाब से राज काज के कामो में कर सकते है। समय समय पर इन भाषाओ में परिवर्तन देखने को मिला और इनमे नई भाषाएँ जुड़ती गयी।

संविधान निर्माण के समय 14 भाषाओं को शामिल किया गया था लेकिन इसके बाद साल 1967 में सिन्धी भाषा को अनुसूची में शामिल किया गया। साल 1992 में कोंकणी, मणिपुरी और नेपाली भाषा को शामिल किया गया वर्ष 2004 में बोड़ो, डोगरी, मैथिली और संथाली भाषा को शामिल किया गया था। इस प्रकार वर्तमान में भारत के संविधान की आंठवी अनुसूची में कुल 22 भाषाएँ शामिल है। तो चलिए जानते है कोनसी है यह 22 भाषा।

हिन्दी भाषामलयालम भाषा
असमिया भाषाकोंकणी भाषा
तमिल भाषाकन्नड़ भाषा
डोगरी भाषानेपाली भाषा
गुजराती भाषाबोड़ो भाषा
कश्मीरी भाषापंजाबी भाषा
उर्दू भाषामराठी भाषा
ओड़िआ भाषाबंगाली भाषा
मणिपुरी भाषामैथिली भाषा
संस्कृत भाषासंथाली भाषा
सिन्धी भाषा तेलुगू भाषा

आज आपने क्या सीखा

तो अब आप जान गए होंगे कि Bharat ki rashtrabhasha kya hai aur konsi honi chaiye और संविधान के आंठवी अनुसूची में शामिल 22 भाषाएँ कोनसी है। आप हमे कमेंट में जरूर बताये की आपके अनुसार भारत की राष्टभाषा कोनसी होनी चाइये।

तो दोस्तों आशा करता हूँ की आपको मेरा ये आर्टिकल पसंद आया होगा और आप जो जानकारी जानना चाहते है वो आपको मिलगई होगी। हम अपने आर्टिकल में सारि जानकारी देने की कोशिश करते है आसान भाषा में जिससे की आपको किसी दूसरे आर्टिकल को न पढ़ना पड़े। आपको यह जानकर ख़ुशी होगी की आप हमसे टेलीग्राम पर भी जुड़ सकते है।

Join us on Telegram

अगर आपको ये आर्टिकल पसंद आया हो तो आप इसे अपने दोस्तों, फॅमिली के साथ शेयर कर सकते है और आप अपनी प्रतिक्रिया कमेंट बॉक्स में भी लिख सकते है। और अगर आपको लगता है की हमारे इस आर्टिकल में कुछ रह गया है या गलत है तो आप हमे जरूर कमेंट बॉक्स में बताये। धन्यवाद

ये भी पढ़े –

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *