मजदूर दिवस कब मनाया जाता है | Majdur divas kab manaya jata hai | Labor day 2022 india :- एक मई को दुनिया के कई देशों में अंतरराष्ट्रीय श्रमिक दिवस (International Labour Day 2022 or May Day 2022) मनाया जाता है, और क्या आपको पता है की इसी दिन यानि की 1 May को ही महाराष्ट्र दिवस भी मनाया जाती है। इन दिन को लेबर डे, मई दिवस, श्रमिक दिवस और मजदूर दिवस भी कहा जाता है। ये दिन पूरी तरह श्रमिकों (मजदूरों) को समर्पित है। इस दिन भारत समेत कई देशों में मजदूरों की उपलब्धियों को और देश के विकास में उनके योगदान को सलाम किया जाता है। ये दिन मजदूरों के सम्मान, उनकी एकता और उनके हक के समर्थन में मनाया जाता है। इस दिन दुनिया के कई देशों में छुट्टी होती है। मज़दूर दिवस भारत और कई अन्य देशो में त्यौहार की तरह मनाया जाने लगा है।
मजदूर का मतलब हमेशा गरीब से नहीं होता हैं, मजदूर वह ईकाई हैं, जो हर सफलता का अभिन्न अंग हैं, फिर चाहे वो ईंट गारे में सना इन्सान हो या ऑफिस की फाइल्स के बोझ तले दबा एक कर्मचारी. हर वो इन्सान जो किसी संस्था के लिए काम करता हैं और बदले में पैसे लेता हैं, वो मजदूर हैं।
मज़दूर वो है जो समाज को मजबूत व् परिपक्व बनाता है, समाज को सफलता की ओर ले जाता है। मजदूर वर्ग में वे सभी लोग आते है, जो किसी संस्था या निजी तौर पर किसी के लिए काम करते है और बदले में मेहनतामा लेते है। शारीरिक व् मानसिक रूप से मेहनत करने वाला हर इन्सान मजदूर है, फिर चाहे वह ईट सीमेंट से सना इन्सान हो या एसी ऑफिस में फाइल के बोझ तले बैठा एक कर्मचारी। इन्ही सब मजदूर, श्रमिक को सम्मान देने के लिए मजदूर दिवस मनाया जाता है।

मजदूर दिवस का इतिहास (Labour Day History in hindi)
अंतर्राष्ट्रीय मज़दूर दिवस या मई दिन (International Labour Day 2022 or May Day 2022) मनाने की शुरूआत 1 मई 1886 से मानी जाती है जब अमेरिका की मज़दूर यूनियनों नें काम का समय 8 घंटे से ज़्यादा न रखे जाने के लिए हड़ताल की थी। इस हड़ताल के दौरान शिकागो की हेमार्केट में बम धमाका हुआ था। यह बम किस ने फेंका क्यों फेंका किसी को कुछ पता नहीं। बम फूटने के बाद प्रदर्शनस्थल पर अफरातफरी मच गई। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने मजदूरों पर गोलियां चलाई। गोलीबारी में कुछ मजदूरों की मौत हो गई, साथ ही कुछ पुलिस अफसर भी मारे गए।
इसके बाद 1889 में अंतर्राष्ट्रीय समाजवादी सम्मेलन की दूसरी बैठक में एक प्रस्ताव पारित किया गया जिसमें यह ऐलान किया गया कि 1 मई को अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस के रूप में मनाया जाएगा और इस दिन सभी कामगारों और श्रमिकों का अवकाश रहेगा। इसी के साथ भारत सहित दुनिया के तमाम देशों में काम के लिए 8 घंटे निर्धारित करने की नींव पड़ी।
मजदूर दिवस कब मनाया जाता है (Majdur divas kab manaya jata hai)
भारत में मजदूर दिवस की शुरुआत चेन्नई में 1 मई 1923 में हुई। भारत में लेबर किसान पार्टी ऑफ हिन्दुस्तान ने 1 मई 1923 को मद्रास में इसकी शुरुआत की थी। यही वह मौका था जब पहली बार लाल रंग झंडा मजदूर दिवस के प्रतीक के तौर पर इस्तेमाल किया गया था। यह भारत में मजदूर आंदोलन की एक शुरुआत थी जिसका नेतृत्व वामपंथी व सोशलिस्ट पार्टियां कर रही थीं। दुनियाभर में मजदूर संगठित होकर अपने साथ हो रहे अत्याचारों व शोषण के खिलाफ आवाज उठा रहे थे।
भारत में 2022 में मजदूर दिवस कब मनाया जायेगा (Majdur diwas 2022)
हर साल की तरह इस साल भी 1 मई को मजदूर दिवस (Labour Day) के तौर पर मनाया जायेगा और इस दिन सभी का अन्तराष्ट्रीय अवकाश होता हैं।
मजदूर दिवस के दिन स्कूलों में क्या किया जाता है ?
वैसे तो मजदूर दिवस(Labour Day) यानि 1 मई को लगभग सभी कंपनियों एंव विभागों में छुट्टी होती है लेकिन स्कुल में इसका ख़ास महत्व है और इसे खास तरह से मनाया जाता है। इस दिन स्कूलों में बच्चे मजदूरों के प्रति अपनी संवेदनाएं व्यक्त करते हैं। वह अनेक तरह के नाटक पेश करते हैं और अपनी Speech तैयार करते है। इतना ही नहीं स्कुल के प्रधानाचार्य अपने सह शिक्षकों को सम्मानित करते हैं। कुल-मिलाकर स्कुल में मजदूरों के प्रति सम्मान और उनके हक़ के प्रति बच्चों को जागरूक किया जाता है।
भारत में विभिन्न भाषाओं में मजदूर दिवस को क्या कहते हैं:
- हिंदी: कामगार दिन
- अंग्रेज़ी: कर्मिकरा दिनाचारणे
- तेलुगु: कर्मिका दिनोत्सवम
- मराठी: कामगार दिवस
- तमिल: उज़ईपलार धिनाम
- मलयालम: थोझिलाली दीनामी
- बंगाली: श्रमिक दिबोशो
FAQs
भारत में इसे सबसे पहले 1 मई 1923 को मनाया गया था। जब लेबर किसान पार्टी ऑफ हिन्दुस्तान ने चेन्नई में इसकी शुरुआत की थी। इसका मुख्य उद्देश्य मजदूरों को सम्मान और हक दिलाना है। … 1 मई 1886 को अमेरिका में अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस की शुरुआत एक क्रांति के रूप में हुई थी।
‘अंतरराष्ट्रीय प्रेस स्वतंत्रता दिवस’ मनाने का निर्णय वर्ष 1991 में यूनेस्को और संयुक्त राष्ट्र के ‘जन सूचना विभाग’ ने मिलकर किया था।
हर साल की तरह इस साल भी 1 मई को मजदूर दिवस (Labour Day) के तौर पर मनाया जायेगा और इस दिन सभी का अन्तराष्ट्रीय अवकाश होता हैं।
भारत में मजदूर दिवस की शुरुआत चेन्नई में 1 मई 1923 में हुई। भारत में लेबर किसान पार्टी ऑफ हिन्दुस्तान ने 1 मई 1923 को मद्रास में इसकी शुरुआत की थी।
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